प्राकृतिक चिकित्सा सबसे प्राचीन स्वास्थ्य देखभाल तंत्र है जो चिकित्सा के पारंपरिक और प्राकृतिक रूपों के साथ आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान को जोड़ती है। यह एक विशिष्ट प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली है जो शरीर के स्व-उपचार तंत्र पर जोर देती है। प्राकृतिक चिकित्सा मानव कल्याण का समर्थन करने के लिए उपचारों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करती है।
प्राकृतिक चिकित्सा
प्रकृति की उपचार शक्ति पर भरोसा करते हुए, प्राकृतिक चिकित्सा मानव शरीर की खुद को ठीक करने की क्षमता को उत्तेजित करती है। यह धूप, मीठे पानी (जल चिकित्सा), तनाव प्रबंधन, स्वस्थ आहार, वनस्पति चिकित्सा, होम्योपैथी, उपवास, व्यायाम, जीवन शैली परामर्श, विषहरण, सहित प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके रोग निदान, उपचार और इलाज का विज्ञान है।
प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है Milk Cream (दूध की मलाई) जिसका नियमित उपयोग रूप और सौंदर्य निखारने में मदद करता है। दूध की मलाई त्वचा की कई दिक्कतों को दूर करती है। अगर आप रोजाना चेहरे पर मलाई लगाते हैं, तो इससे स्किन संबंधी कई समस्याएं दूर होती हैं साथ ही चेहरे पर मलाई लगाने से चेहरे पर …
धतूरा (Thornapples/Jimsonweeds) का प्रयोग अधिकांश लोग नशे के लिए करते है जो की स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है लेकिन यदि इसका उचित मात्रा में वैद्य की सलाह से चिकित्सा में प्रयोग किया जाय तो अभूतपूर्व लाभ मिलता है। धतूरा का पौधा जड़ से लेकर तना तक औषधि गुणों से परिपूर्ण होता है। आयुर्वेद पद्धति …
इसबगोल की भूसी (Psyllium husk) दस्त और कब्ज़ दोनों के इलाज में है कारगर है। आजकल के आधुनिक दौर में खान-पान में अनियमितता, भागदौड़ भरा जीवन और तनाव युक्त माहौल व्यक्ति के पाचन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करता है। खराब खानपान, देर से सोना और देर से जागना, दिन भर एक ही जगह …
भारत में ऐसा कौन सा किचन होगा जहा भारतीय तेजपत्ता (Indian Bay Leaf) का उपयोग मसालों में भोजन का स्वाद निखारने और व्यंजनों की खुशबू बढ़ाने में न किया जाता हो। कई घरों में इसका उपयोग चाय बनाने में भी होता है। आपको जान कर आश्चर्य हो सकता है की भारतीय कीचन की जान तेज़ …
जैसे जैसे मनुष्य प्रकृति से दूर होता गया वैसे वैसे वह रोगों और दुखों से घिरता चला गया। Naturopathy “प्राकृतिक चिकित्सा” में सभी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक तरीके से ही किया जाता है और यह चिकित्सा, आहार और गतिविधि का एक संयोजन होता है। भारतीय दर्शन एवं आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर पृथ्वी, जल, अग्नि, …