आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से भरपूर बादाम (Almond) कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत है। इसका वैज्ञानिक नाम प्रूनस डलसिस (Prunus Dulcis) है और यह रोजेसी (Rosaceae) परिवार से संबंध रखता है।
यह ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और विटामिन ई (Vitamin E) और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है. इसमें फैटी एसिड, लिपिड, अमीनो एसिड, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की उचित मात्रा होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
इसका सेवन करने से बढ़ती उम्र के साथ कमजोर होती याददाश्त और मस्तिष्क से जुड़ी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए इसमें पाए जाने वाले टोकोफेरोल, फोलेट, मोनो व पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड और पॉलीफेनोल्स मददगार हो सकते हैं।

बादाम में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्व और उनकी मात्रा
बादाम में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसे खाने से शरीर को फाइबर, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, प्लांट बेस्ड प्रोटीन, मैग्नीशियम, विटामिन ई, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पोटैशियम से भरपूर होता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है।
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पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 G |
पानी | 4.41 g |
ऊर्जा | 579 kcal |
प्रोटीन | 21.15 g |
टोटल लिपिड (फैट) | 49.93 g |
कार्बोहाइड्रेट | 21.55 g |
फाइबर | 12.5 g |
टोटल शुगर | 4.35 g |
मिनरल्स | मात्रा प्रति 100 G |
कैल्शियम, Ca | 269 gm |
आयरन, Fe | 3.71 gm |
मैग्नीशियम , Mg | 270 gm |
फास्फोरस, P | 481 gm |
पोटैशियम, K | 733 gm |
सोडियम, Na | 1 mg |
जिंक, Zn | 3.12 mg |
विटामिन्स | मात्रा प्रति 100 G |
थाइमिन | 0.205 mg |
राइबोफ्लेविन | 1.138 mg |
नियासिन | 3.618 mg |
विटामिन बी -6 | 0.137 mg |
फोलेट DFE | 44 µg |
विटामिन ई (अल्फा-टोकोफेरॉल) | 25.63 mg |
लिपिड | मात्रा प्रति 100 G |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 3.802 g |
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड | 31.551 g |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 12.329 g |
जानिये इन ५ रोगों को दूर रखता है बादाम –
वैसे तो बादाम एक लाभकारी नट है जो की कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर है लेकिन इन पांच रोगों से दूर रहने क लिए यह अत्यंत लाभकारी है
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ऑस्टियोपोरोसिस
एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में बताया गया है कि हड्डियों के लिए कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व जरूरी होते हैं। ये दोनों न्यूट्रिएंट्स बादाम में पाए जाते हैं। मैग्नीशियम को बोन मिनरल डेंसिटी को बेहतर करने के लिए जाना जाता है। इन दोनों पोषक तत्वों की मदद से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग और फ्रेक्चर के जोखिम को कुछ कम किया जा सकता है।
कैंसर
बादाम में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। यह पेट के कैंसर का जोखिम कम करता है। इसमें विटामिन ई और फ्लेवोनोइड्स भी पाए जाते है जो स्तन कैंसर को कण्ट्रोल करते है। एक रिसर्च के मुताबिक मुठ्ठीभर बादाम रोजाना खाने से लोगों में 15 फीसदी कैंसर का खतरा कम होता है.
एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि इसमें एंटीकैंसर प्रभाव होता है, जो कैंसर सेल लाइन को बढ़ने से रोक सकता है। साथ ही चूहों पर किये गए रिसर्च में कहा गया है कि खासकर कड़वे बादाम में मौजूद एमिग्डालिन में संभावित कैंसर का उपचार संभव हो सकता है।
ब्लड शुगर
दुनियाभर में डायबिटीज यानी मधुमेह पर कई शोध किए जा चुके हैं और कई शोध किए जा रहे हैं। इन शोधों में शुगर कंट्रोल करने और डायबिटीज के प्रभावों को कम करने पर कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में एक शोध के जरिए खुलासा हुआ है कि शुगर कंट्रोल में बादाम अहम भूमिका निभा सकता है।
इस शोध में 275 लोगों को शामिल किया गया था। इसमें 216 महिलाओं और 59 पुरुषों को शामिल किया गया था, जिन्हें तीन महीने तक रोजाना दो बार 56 ग्राम बादाम खाने की सलाह दी गई। रोजाना दो बार इसे खाने से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर
बादाम के नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप की परेशानी दूर हो सकती है। सात दिनों तक इसके सेवन से खून में अल्फा टोकोफेराल की मात्रा को बढाती है जिससे ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
ह्रदय रोग
कोलेस्ट्रॉल को दिल की बीमारी का सबसे बड़ा कारण माना गया है। बादाम खाने से आपको दिल संबंधित बीमारी नहीं होती है और हार्ट अटैक का भी खतरा कम हो जाता है क्योंकि यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा को काबू में रखता है।
इसका का सेवन करने से लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम किया जा सकता है। यह शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला कोलेस्ट्रॉल है, जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। साथ ही बादाम के सेवन से शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को संतुलित रखा जा सकता है।
जानिए किन व्यक्तियों को बादाम almond खाने से परहेज करना चाहिए?
- लो ब्लड प्रेशर के मरीज जो ब्लड प्रेशर बढ़ने की दवा ले रहे हों
- जिन्हे ज़्यादा एसिडिटी की शिकायत रहती हो
- जिन्हे पाचन सम्बन्धी समस्या हो क्यों की इनमे फाइबर की मात्रा ज़ादा होती है
- जिन व्यक्तियों को गॉल ब्लैडर से सम्बंधित परशानिया हों
- इसमें कैलोरी की मात्रा ज़ादा होने के कारन मोटे लोगो को इसके नियमित सेवन से बचना चाहिए
- इसमें ऑक्सालेट कंपाउंड होता है, जिससे गुर्दे में पथरी (किडनी स्टोन) का जोखिम बढ़ सकता है
- जिन्हे किसी कारणवस एंटीबायोटिक मेडिसिन लेनी पड़ रही हो क्युकी इसमें मेगनिशीयम पाया जाता है जो एंटीबायोटिक के असर को प्रभावित कर सकता है
इस बात पर भी ध्यान दें कि बादाम किसी भी रोग का इलाज नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या का अहम हिस्सा हो सकता है।