ये 5 चीज़ें बढाती हैं हृदयाघात (Heart attack) खतरा, जानिए कैसे रखें अपने दिल का ख्याल

हृदयाघात (Heart attack) एक ऐसी समस्या है, जो कभी 60 साल से ऊपर के लोगों की बीमारी मानी जाती थी. लेकिन अब तो 25 से 30 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है। दुख की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर हार्ट अटैक के केसेज में युवाओं की जान चली जाती है।

हम सभी को ये बात जरूर पता होनी चाहिए कि हार्ट अटैक से पहले किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं और अटैक होने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए। हार्ट अटैक भले ही अचानक आता हो लेकिन इस अटैक के आने से पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है। इनकी समय पर पहचान करके बीमारी को जानलेवा होने से रोका जा सकता है।

Heart attack (हृदयाघात)

दिल का दौरा (Heart attack), जिसे मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (myocardial infarction) भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है।

जितना अधिक आपका ब्लड सर्कुलेशन खराब होगा उतना ही ये हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है। दिल के दौरे का मुख्य कारण कोरोनरी धमनी का एक गंभीर ऐंठन, या अचानक संकुचन है, जो हृदय की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकता है।

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ये 5 चीज़ें बढाती हैं हृदयाघात (Heart attack) खतरा

अवैध दवाओं/नशीले पदार्थों (कोकीन/drugs) का सेवन

जैसे कोकीन/drugs लेना- एक ऑस्ट्रेलियन स्टडी के अनुसार कोकीन के सेवन से Heart attack का रिस्क बढ़ जाता है। इस स्टडी के शोधकर्ताओं ने कोकीन को परफेक्ट हार्ट अटैक ड्रग कहा है। कोकीन के सेवन से निम्न प्रकार हार्ट अटैक और स्ट्रेाक का खतरा बढ़ जाता है-

  • महाधमनी सख्त होने में 30 प्रतिशत से 35 प्रतिशत की वृद्धि
  • 8 मिमी एचजी उच्च सिस्टोलिक रक्तचाप
  • हृदय के बाएं वेंट्रिकल की दीवार की मोटाई 18 प्रतिशत अधिक
  • शरीर के तापमान, हृदय गति और रक्तचाप में परिवर्तन

भावनात्मक तनाव या दर्द

जब कोई इंसान तनाव में होता है या किसी भावनात्मक/मानसिक रूप से दबाव में होता है शरीर का नर्वस सिस्टम अल्फा-एड्रिनर्जिक रिसेप्टर को एक्टिवेट करता है जिससे गुर्दे से जुडी हॉर्मोन ग्रंथियां शरीर में केटोकेलामाइन (एक प्रकार का तनाव हार्मोन) रिलीज़ कर देता है। ये हार्मोन उस रिसेप्टर से जा कर जुड़ जाता है जिसके फलस्वरूप ह्रदय की धडकनों में बढ़ोतरी हो जाती है।

तत्पश्चात पेरीफेरल बॉडी (हाथ-पैर) और ह्रदय के तरह रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। नतीजतन शरीर को तेज़ी से ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ने लगती है। अगर ये ऑक्सीज़न की तुरंत आपूर्ति पूरी न हो पाए तो दिल पर दबाव पड़ता है और हार्ट फेलियर की सम्भावना बढ़ जाती है।

अत्यधिक तले हुए (तैलीय) खाद्य पदार्थो का नियमित रूप से सेवन

ऑनलाइन जर्नल हार्ट में इस स्टडी के परिणाम प्रकाशित किए गए। स्टडी में यह दावा किया गया कि सप्ताह में अगर कोई व्यक्ति केवल 114 ग्राम एक्स्ट्रा ऑयली फूड खाता है तो इससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है। ऑयली फूड का अधिक सेवन करने वाले और Heart attack से मरनेवाले लोगों का भी डेटा इकट्ठा किया गया। स्टडी के दौरान पाया गया कि,

  • तेल में पकाया गया भोजन करने और दिल की बीमारियों का खतरा एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।
  • सप्ताह में एक बार आधी कटोरी ऑयली फूड खाने वाले लोगों में भी दिल की बीमारीयों का रिस्क 28 प्रतिशत बढ़ सकता है।
  • सीमित मात्रा में तली-भुनी चीजें खाने से कोरोनरी हार्ट डिज़िज़े का रिस्क 22 प्रतिशत बढ़ता है।
  • जो लोग सप्ताह में एक बार तली हुई चीज़ें खाते हैं उनमें हार्ट फेलियर का रिस्क 37 प्रतिशत होता है।

सिगरेट (धूम्रपान)/टोबैको का सेवन

विश्व स्वास्थ्य संगठन, वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन और न्यूकैसल विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी एक नए संक्षिप्त विवरण के अनुसार, दुनिया भर में तंबाकू से होने वाले हृदय रोग से हर साल 19 (1.9 मिलियन) लाख लोग मर जाते हैं।

धूम्रपान का तंबाकू इंसान के शरीर में कई तरह के रसायन छोड़ता है। इनमें से निकोटीन, कार्बन मोनॉऑक्साइड विशेष तौर पर खून की नसों को नुकसान पहुंचाने का काम करते है। जहां निकोटनी खून की धमनियों को संकुचित कर देता है, कार्बन मोनोऑक्साइड धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है। धूम्रपान से फायदेमंद HDL कैलेस्ट्रॉल कम होता है तो वहीं हानिकारक LDL बढ़ता है।

ज़्यादा शक्कर और नमक से बने हुए खाद्य/पेय पदार्थों का अधिक मात्रा में नियमित सेवन

डाइट में ज्यादा नमक का सेवन करने से शरीर ज्यादा पानी रिटेन करने लग जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, और इससे आपकी हार्ट की आर्टरीज भी डेमेज हो सकती हैं। प्रतिदिन १५०० मिलीग्राम से कम मात्रा में सोडियम का सेवन

एक रिसर्च में कहा गया कि ज़्यादा शक्कर या मीठी चीज़ों का सेवन करने से दिल की बीमारियों का रिस्क बहुत अधिक बढ़ जाता है। चीनी का सेवन करने से दिल के आसपास फैट इकट्ठा होने लगते हैं। जिससे, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Heart attack की वजह/कारण

इस्केमिक हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोरोनरी धमनियों के अंदर पट्टिका नामक एक मोमी पदार्थ बनता है। ये धमनियां आपके दिल को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति करती हैं। जब पट्टिका धमनियों में बनती है, तो स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) कहा जाता है। पट्टिका का निर्माण कई वर्षों में होता है।

हृदयाघात (HEART ATTACK)

इससे ब्लॉकेज बनने लगते हैं और अगर थक्का काफी बड़ा हो जाता है, तो यह कोरोनरी धमनी के माध्यम से रक्त प्रवाह को ज्यादातर या पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकता है। अगर हार्ट ब्लॉकेज का जल्दी से इलाज नहीं किया जाए, तो हृदय की मांसपेशी का हिस्सा काम करना बंद कर देता है।

  • Heart attack की समस्या तब होती है, जब हृदय के किसी एक हिस्से में ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है या पर्याप्त मात्रा में इस पार्ट को ब्लड नहीं मिल पाता है. 
  • जब ब्लड फ्लो को बाधित हुए लंबा समय हो जाता है तो हार्ट मसल्स डैमेज होनी शुरू हो जाती हैं. इससे Heart attack की स्थिति बनती हैं.
  • हार्ट अटैक की मुख्य वजह कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी सीएडी को माना जाता है. इसके अलावा बहुत अधिक तेज दर्द के कारण भी अटैक की समस्या होती है. हालांकि इस कारण होने वाले हार्ट अटैक की संख्या बहुत कम होती है.
  • हृदय की धमनियों यानी हार्ट आर्टरी का अचानक सिकुड़ जाना भी हार्ट अटैक की वजह बन सकता है. क्योंकि ऐसा होने पर हार्ट मसल्स में ब्लड का फ्लो रूक जाता है.

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Heart attack के लक्षण

हृदयाघात के मुख्या लक्षण हैं-

  • ज्यादातर हार्ट अटैक से पहले सीने में दर्द और बेचैनी की समस्या होती है. इस दौरान चेस्ट के बीच में या फिर उल्टे हाथ की तरफ बहुत अधिक भारीपन, कुछ निचोड़ने जैसा अहसास या फुलावट और दर्द का अनुभव होता है.
  • अटैक आने के कुछ समय पहले कमजोरी लगना और चक्कर आने की समस्या हो सकती है या ठंडा पसीना आना, जैसे लक्षण दिख सकते हैं. जबड़े, गर्दन और पीठ में एक साथ दर्द या बेचैनी का अनुभव हो सकता है. 
  • ठीक से सांस ना ले पाना और छोटी-छोटी सांस भर पाने जैसी स्थिति हो सकती है. आमतौर पर सांस उखड़ने की समस्या सीने में दर्द के साथ होती है. लेकिन कई बार सांस पहले उखड़ने लगता है और सीने में दर्द या बेचैनी बाद में शुरू होती है. 
  • बिना कारण बहुत अधिक थकान लगना, जी मिचलाना और उल्टी हो जाना भी हार्ट अटैक से पहले दिखने वाले लक्षण हो सकते हैं. ये लक्षण आमतौर पर महिलाओं में देखने को मिलते हैं.
  • कुछ लोगो को गैस होने की फीलिंग आती है

कैसे रखें अपने दिल का ख्याल (बचाव)

  • रोजाना तीन से पांच किलोमीटर पैदल चलें।
  • खाने में ताजे फल, सलाद और हरी सब्जियां लें।
  • तनाव लेने से दूर रहें।
  • कम से कम छह से आठ घंटे तक पर्याप्त नींद लें।
  • एक्सरसाइज और व्यायाम करें।
  • तेल-मसाला युक्त भोजन से परहेज करें।
  • समय-समय पर हृदय और रक्त क्लॉटिंग संबंधी जांच कराते रहें।
  • कोविड हो चुका है तो विशेष रूप से सतर्क रहें और हृदय की जांच जरूर कराएं।
  • खान-पान और दिनचर्या को नियमित करें।
  • ज्यादा देर रात तक मोबाइल या टीवी देखते रहना भी हृदयाघात की वजह हो सकती है।

अस्विकरण: ह्रदय रोग या दिल से जुडी सभी परेशानी अत्यंत गंभीर हो सकती है। यहाँ उपस्थित लेख आपकी जानकारी के लिए है न की किसी भी परिस्थिति में उपचार का विकल्प।

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