Foot Corn यानि पैर में कील, जिसे गोखरू भी कहते हैं यह कठोर त्वचा के ऊतक हैं, जो खराब पैरों की देखभाल सहित कई कारणों से हो सकते हैं। यह आपको काफी दर्द दे सकता है तथा दुर्लभ मामलों में, हाथों पर भी कॉर्न्स हो सकते हैं।
आइये इस लेख में जानते हैं पैरों के कील या गोखरू (foot corns) का आसान, जल्द ठीक करने वाला और आयुर्वेदिक घरेलु इलाज जिससे आप कुछ ही दिनों में आसानी से इस समस्या और इसके दर्द से निजात पा सकते हैं।
गोखरू होने के कारण
पैरों में गोल आकार का सख्त, मोटा और सफेद रंग का डेड स्किन का गुच्छा दिखाई देता है, जिसे हम फुट कॉर्न करते हैं। शुरुआत में यह समस्या देखने में काफी साधारण लगती है लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ने लगती है। यह अन्य स्किन प्रॉब्लम की तरह काफी दिनों तक रहती है, जिससे काफी इरिटेशन होता है।
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हालांकि फुट कॉर्न होने के पीछे कई वजह हो सकती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात और कफ दोष के असंतुलन के कारण यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा निम्न बातें हैं जो गोखरू होने के कारक हो सकते हैं-
- पैरों की सही देखभाल न करना
- खराब चलने की आदत
- लंबे समय तक ऊँची एड़ी के सैंडल या जूते पहनना
- स्टैंडिंग जॉब
- असहज जूते
- मोटापा
गोखरू (Foot corn) के लक्षण और संकेत
- येलो पैचेस या छोटा गोल धब्बा और सख्त स्किन होता है।
- छूने में काफी सेंसिटिव लगना
- जूते पहनने में काफी दर्द और चलने में परेशानी होना
शरीर में इन स्थानों पर अधिक होता है गोखरू
- अंगूठे के नीचे
- अंगूठों के बीच में
- पैरों के किनारों पर
- पैरों के नीचे
- एड़ियों के आसपास
गोखरू से निजात पाने का आसान और आयुर्वेदिक घरेलु इलाज
गुनगुना पानी के साथ एप्पल साइडर विनेगर का प्रयोग
गुनगुने पानी में एक भाग एप्पल साइडर विनेगर डालकर रात में 15 मिनट के लिए पौरों को डुबाएं रखें। एक बार डेड स्किन नरम हो जाए तो उसके बाद ऊपर की परतों को रगड़ने के लिए एक फुट फाइल या फिर प्यूमिस स्टोन का उपयोग करें। बाद में इसे धोकर सुखा लें और कैस्टर ऑयल लगाएं और ध्यान रखें कि सोने से पहले मोजे पहनना न भूलें।
सेंधा नमक का प्रयोग
किसी टब या बाल्टी में गर्म पानी भर लें फिर उसमे सेंधा नमक मिलाकर कॉर्न्स जिस जगह पर है उस जगह को 10-15 मिनट के लिए डूबोकर रखे। सेंधा नमक में एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं जो फुट कॉर्न को कम करने में और जल्द ठीक करने में मदद करते हैं।
विटामिन ई का प्रयोग
विटामिन ई का इस्तेमाल हम कई चीजों में करते हैं। लेकिन फुट कॉर्न से निजात पाने के लिए भी आप विटामिन ई का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए बिस्तर पर जाने से पहले अपने कॉर्न को विटामिन ई ऑयल से रब करें। तेल को कुछ मिनटों तक सोखने के बाद मोजा डाल लें। ऐसा तब तक करें जब तक फुट कॉर्न पूरी तरह से ठीक न हो जाए।
एप्सम सॉल्ट का प्रयोग
एप्सम सॉल्ट के जरिए उन डेड स्किन को ढीला किया जा सकता है जो सख्त और कॉर्न बन जाते है। इसके लिए एक कटोरी गर्म पानी में एक कप एप्सोम सॉल्ट मिलाएं और 20 से 30 मिनट के लिए अपने पैरों को भिगोएं रखें। एक बार में एप्सम सॉल्ट जब घुल जाए और डेड स्किन सॉफ्ट हो जाए तो धीरे-धीरे प्यूमिस पत्थर का उपयोग कर उसे हटाएं।
नींबू के साथ बैंडेज का प्रयोग
फुट कॉर्न से निजात पाने के लिए नींबू का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए सोने से पहले नींबू का एक टुकड़ा लें और उसे कॉर्न वाले स्थान पर रखकर बैंडेज लगा लें। अब इसके ऊपर से मोजा पहन लें और रातभर के लिए छोड़ दें। ऐसा तब तक कर सकती हैं जब तक फुट कॉर्न पूरी तरह से ठीक न हो जाए।
मुलेठी के साथ सरसों के तेल का प्रयोग
घरेलू नुस्खे के तौर पर मुलेठी का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। एक चम्मच मुलेठी में सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को कॉर्न वाले स्थान पर लगाए रखें और सुबह धो लें। नियमित ऐसा करने से कॉर्न सॉफ्ट हो जाएंगे और आसानी से बाहर निकल आएंगे।
कच्चा पपीता का प्रयोग
कच्चा पपीता स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पपीते का रस कॉर्न के कष्ट से आराम दिलाने में बहुत काम करता है। कच्चे पपीते के स्लाइस काट कर उनका रस निचोड़ लें। अब उस रस को कॉर्न पर लगाकर रात भर यूं ही रख दें।
जंगली प्याज़ का प्रयोग
प्याज़ का बल्ब या कंद कॉर्न के सूजन और त्वचा में जो कड़ापन आ जाता है उसको कम करने में असरदार रूप से काम करती है। प्याज़ का एन्टीफंगल गुण इंफेक्शन से भी बचाता है और कॉर्न को कम करने में मदद करता है। प्याज़ के कंद को भून लें और कॉर्न पर रखकर अच्छी तरह से बांध लें। रात भर इसको बांधे रहने दें।
हल्दी के साथ सरसो के तेल का प्रयोग
हल्के गुनगुने सरसों के तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर फुट कॉर्न्स पर लगाएं और पट्टी से कवर करें। इसे रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह पानी से साफ कर लें। रोजाना ऐसा करने से भी आपको राहत मिलेगी।
लहसुन का प्रयोग
लहसुन का एन्टीबैक्टिरीयल और एन्टीफंगल गुण कॉर्न के त्वचा को नरम करने में बहुत मदद करता है। ज़रूरत के अनुसार लहसुन के कुछ फांक ले लें और उनको अच्छी तरह से पिसकर पेस्ट बना लें। अब उस पेस्ट को कॉर्न पर लगाकर अच्छी तरह से रात भर बांधकर रखें।
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बेकिंग सोडा के साथ निम्बू का प्रयोग
बेकिंग सोडा के एसिडिक नेचर के कारण ये कॉर्न के आस-पास के रफ स्किन को सॉफ्ट बनाने में बहुत मदद करता है। बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाने से और भी वह प्रभावकारी बन जाता है। ज़रूरत के अनुसार बेकिंग सोडा लें और उसमें पेस्ट बन जायें इतना नींबू का रस मिलायें। अब इस पेस्ट को कॉर्न पर अच्छी तरह से लगाकर रात भर कपड़ा या गॉज से बांधकर रखें। लेकिन कॉर्न का मुँह अगर खुल गया है या इंफेक्शन हो गया है तो कभी भी इस उपचार को प्रयोग में न लायें, इससे जलन होगा और कॉर्न की अवस्था और भी बदतर हो जायेगी।
सिरका का प्रयोग
गर्म पानी के 1 कप सिरका डालकर उसमें 15 मिनट तक पैर डुबोएं। इसके बाद पैरों को तौलिए से साफ करके जैतून या अरंडी तेल से मालिश करें। फिर एक कपड़ें को सिरके में डुबोकर कॉर्न्स पर बांध दें। इसे रातभर के लिए छोड़ दें। रोजाना ऐसा करने से आप खुद फर्क महसूस करेंगे।
अस्वीकरण : इस आलेख में दी गई जानकारी ज्ञानवर्धन हेतु है न की किसी बीमारी के इलाज का विकल्प। अपने बीमारी के लिए अपने चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।